तीसरी लहर की आहट दे रहे पूर्वोत्तर के सात राज्य


 इन राज्यों में हाल बेहाल 

राज्य ---- संक्रमण दर 

सिक्किम --- 19.5%

मणिपुर ----- 15%

मिजोरम -----11.8%

केरल ------- 10.5%

मेघालय -----9.4%

अरुणाचल प्रदेश -- 7.4%

नागालैंड -------- 6%

त्रिपुरा ----- 5.6%

(स्त्रोत - कोविड-19इंडियाडॉटओआरजी)


नंबर गेम 

 2.3% औसत संक्रमण दर है इस वक्त पूरे देश में कोरोना की । 

10.5% संक्रमण दर केरल में, चिंता वाले बाकी राज्य पूर्वोत्तर के।

 19.5% पॉजिटिविटी दर के साथ सिक्किम का हाल सबसे खराब।

10% या इससे अधिक संक्रमण दर है अभी पूर्वोत्तर के पांच राज्यों की। 


नई दिल्ली, शिवांगी |

पूर्वोत्तर के राज्यों में जोर पकड़ता संक्रमण इस बात का प्रमाण दे रहा है कि देश में तीसरी लहर नजदीक है। इस वक्त पूरे देश में जिन आठ देशों ने चिंता बढ़ा दी है, उसमें से सात राज्य पूर्वोत्तर के हैं जबकि एक अन्य राज्य केरल है। इसको देखते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करके स्थिति की जानकारी ली है। 


सात राज्यों में संक्रमण तेजी से फैल रहा     

पूर्वोत्तर के चार राज्यों में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण से बाहर है। सिक्किम में पॉजिटिविटी दर 19.5%, मणिपुर में 15%, मेघालय में 9.4% और मिजोरम में 11.8% है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जब जांच पॉजिटिविटी दर दस प्रतिशत या इससे अधिक हो जाए तो इसका मतलब है कि संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो चुका है। इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश (7.4%), नागालैंड( 6%) और त्रिपुरा(5.6) में भी यह दर पांच प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। फिलहाल असम(2%) में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। 


पूर्वोत्तर में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा मामले 

इस वक्त देश में कोरोना की जांच पॉजिटिविटी दर 2.3% है। इसके मुकाबले पूर्वोत्तर के राज्यों की पांच पॉजिटिविटी दर 7 गुना तक अधिक है। जांच पॉजिटिविटी दर इस बात को दर्शाती है कि एक दिन के भीतर जांचें गए नमूनों में से कितने फीसदी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई। 


केंद्र अलर्ट : 45 जिलों में हाल बेहाल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त देश के 73 जिलों में संक्रमण की दर यानी जांच पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत बना हुआ है, जिसमें से 45 जिले पूर्वोत्तर के राज्यों के हैं। इसे देखते हुए पिछले सप्ताह केंद्र ने विशेषज्ञों की टीम इन राज्यों में भेजी थी ताकि संक्रमण के कारणों का पता लगााकर इसे रोका जा सके। 


तीसरी लहर शुरू हो जाने का दावा 

पूर्वोत्तर के खराब हालात के बीच हैदराबाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी और पूर्व कुलपति डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि बीती चार जुलाई से देश में कोविड-19 के संक्रमण और मौतों का पैटर्न वैसा ही देखा जा रहा है, जैसा इस साल फरवरी के पहले हफ्ते में था। यही मामले अप्रैल के अंत तक देश में गंभीर रूप ले चुके थे। इस आधार पर कोरोना के तीसरे लहर की शुरुआत की आशंका जताई जा रही है। डॉ विपिन कहते हैं कि अगर लोग सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क पहनने और टीकाकरण जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहे तो तीसरी लहर तेजी से गति पकड़ सकती है।


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