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India's vaccine drive: छह महीने बाद भी आधी रफ्तार, दिसंबर तक सबको वैक्सीन कैसे? (Bolte Panne, ep10)

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                बोलते पन्ने- रिसर्च इंजन के दसवें एपिसोड में जानिए भारत में टीकाकरण अभियान के अबतक का अपडेट। 16 जुलाई को अभियान के छह महीने पूरे हो गए हैं, अभी देश में औसतन 40 लाख टीके ही लगाए जा रहे हैं जबकि दिसंबर तक सभी व्यस्कों को टीका लगाने के लिए 86 लाख टीके हर दिन लगाने की जरूरत है। Video Credit : समाचार कंटेंट, आवाज एवं वीडियो का संपादन शिवांगी ने किया है जो एक पत्रकार हैं।

world emoji day : चैटिंग में इमोजी ने हथियाई फुलस्टॉप की जगह (Research Engine 11- Bolte Panne)

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                    जानिए आखिर किस तरह इमोजी ने पूर्ण विराम की जगह ले ली। इंटरनेट भाषाविदों ने अपने अध्ययनों में बेहद रोचक बदलाव देखें हैं, लोग अब इंस्टेंट मेसेज में वैसी भाषा इस्तेमाल करने लगे हैं जो कम समय ने ज्यादा भाव व्यक्त कर दे। video credit : समाचार कंटेंट और वीडियो का संपादन शिवांगी ने किया है जो एक पत्रकार हैं।

US rental Housing : अमेरिकियों की हैसियत से बाहर हो गया किराया । Research Engine 12 (Bolte Panne)

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            दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के बारे में शायद ही कोई ये सोच पाए कि वहां महंगाई इस कदर है कि लोग मकान का किराया भर पाने में सक्षम नहीं हैं। अमेरिकी सरकार के नेशनल लो इनकम हाउसिंग कोलिजन की ताजा रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आयी है। video credit : समाचार कंटेंट और वीडियो का संपादन शिवांगी ने किया है जो एक पत्रकार हैं।  

Health & Frontline workers' Vaccination : कोरोना योद्धाओं के टीकाकरण पर सरकार ने झूठ क्यों बोला ?

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               बोलते पन्ने के रिसर्च इंजन न्यूज पॉडकास्ट के 14वें एपिसोड में आज जानिए कि किस तरह केंद्र की मोदी सरकार ने हमारे कोरोना योद्धाओं के टीकाकरण को लेकर गलत जानकारी दी। 2 जुलाई को सरकार ने बताया कि अब तक 80 प्रतिशत हेल्थकेयर और 90 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की दोनों डोज मिल चुकी हैं। 25 जुलाई को सरकार ने ही टीकाकरण को जो डाटा जारी किया, उसने सरकार के पुराने दावे की पोल खेाल दी। इस वीडियो से समझिए ... वीडियो क्रेडिट : इस वीडियो रिपोर्ट की रिसर्च और एडिटिंग शिवांगी ने की है जो एक पत्रकार हैं।

तीसरी लहर की आहट दे रहे पूर्वोत्तर के सात राज्य

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 इन राज्यों में हाल बेहाल  राज्य ---- संक्रमण दर  सिक्किम --- 19.5% मणिपुर ----- 15% मिजोरम -----11.8% केरल ------- 10.5% मेघालय -----9.4% अरुणाचल प्रदेश -- 7.4% नागालैंड -------- 6% त्रिपुरा ----- 5.6% (स्त्रोत - कोविड-19इंडियाडॉटओआरजी) नंबर गेम   2.3% औसत संक्रमण दर है इस वक्त पूरे देश में कोरोना की ।  10.5% संक्रमण दर केरल में, चिंता वाले बाकी राज्य पूर्वोत्तर के।  19.5% पॉजिटिविटी दर के साथ सिक्किम का हाल सबसे खराब। 10% या इससे अधिक संक्रमण दर है अभी पूर्वोत्तर के पांच राज्यों की।  नई दिल्ली, शिवांगी | पूर्वोत्तर के राज्यों में जोर पकड़ता संक्रमण इस बात का प्रमाण दे रहा है कि देश में तीसरी लहर नजदीक है। इस वक्त पूरे देश में जिन आठ देशों ने चिंता बढ़ा दी है, उसमें से सात राज्य पूर्वोत्तर के हैं जबकि एक अन्य राज्य केरल है। इसको देखते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करके स्थिति की जानकारी ली है।  सात राज्यों में संक्रमण तेजी से फैल रहा      पूर्वोत्तर के चार राज्यों में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण से बाहर है। सिक्किम में पॉजिटिविटी

गर्भवती के वैक्सीन लेने से भ्रूण को मिलेगी संक्रमण से सुरक्षा

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  (29 जून : हिन्दुस्तान अखबार में प्रकाशित)   शिवांगी |  कोरोना से सुरक्षा देने वाली वैक्सीन गर्भवतियों के लिए भी सुरक्षित है। इस आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि गर्भवती महिलाएं वैक्सीन लगवाएं और टीका लगवाने के बाद सभी जरूरी सावधानियां रखें। इसी के तहत हम लाए हैं गर्भवतियों के लिए टीके से जुड़ी आशंकाओं के समाधान।  प्रश्नोत्तरी ----  प्रश्न 1 : गर्भवती महिलाओं में संक्रमण का कितना खतरा, क्या टीका जरूरी है ?  स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, संक्रमण की चपेट में आईं 90% से ज्यादा गर्भवती बिना अस्पताल में भर्ती कराए ठीक हो जाती हैं। अब तक ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में हल्का संक्रमण ही दिखाई दिया या उनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे। पर इस तरह के संक्रमण से भी ऐसी महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है। इन खतरों से बचने के लिए टीका जरूर लेना चाहिए। प्रश्न 2 : क्या गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर मां के टीका लगवाने का असर पड़ेगा? इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ गायनाकलोजी ने पहले ही गर्भवती महिलाओं को टीके लगाने की स्वीकृति दे दी थी। उसके मुताबिक, इससे गर्भ में प

सात दिन की तेजी के बाद हफ्ते भर से लगातार गिर रहा टीकाकरण

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  3 July : हिन्दुस्तान- नई दिल्ली संस्करण में प्रकाशित। #mystory देश में टीकाकरण की रफ्तार सात दिन तक रिकॉर्ड तेजी से बढ़ी लेकिन इसके बाद के सात दिन से टीकाकरण में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैश्विक टीकाकरण ट्रैकर ‘आवर वर्ल्ड इन डाटा’ के मुताबिक, भारत में 19 जून से टीकाकरण में तेजी आनी शुरू हुई। तब हर सौ लोगों पर 0.26 टीके लग रहे थे। इसमें तेजी आई और 26 जून को प्रति सौ लोगों पर 0.45 टीके लगे, मगर इसके बाद से टीकाकरण में सुस्ती दिखने लगी और यह आंकड़ा 30 जून को घटकर प्रति सौ लोगों पर 0.37 डोज रह गया। 

वैश्विक मंजूरी के इंतजार में हैं भारत में बने टीके

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    हिन्दुस्तान, नई दिल्ली (2 जुलाई, 2021 को प्रकाशित) शिवांगी | भारत में अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन ब्रांडों की वैक्सीन से टीकाकरण जारी है। ये दोनों ही वैक्सीन अलग-अलग वैज्ञानिक अध्ययनों में कोरोना व इसके स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा देने में प्रभावी पाई गई हैं। पर अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल करने के लिए मंजूर नहीं किया है। दूसरी ओर, अमेरिका व अन्य कई बड़े देशों में भी अभी इस टीके की स्वीकृति लंबित है जबकि कोविशील्ड को वैश्विक निकाय की स्वीकृति मिल चुकी है। चलिए जानते हैं कि भारत में बने दोनों टीकों की वैश्विक स्थिति क्या है और इसका हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा है।  कोवैक्सीन ::  1. डब्लूएचओ की सूची में जल्द शामिल होगी   भारत बायोटेक के बनाए इस स्वदेशी टीके को जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल किया जा सकता है। इस महीने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण का डाटा वैश्विक निकाय के समक्ष पेश किया जाएगा, जिसके बाद स्वीकृति प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि डब्लूएचओ ने कहा था कि टीके से जुड़ा जो डाटा