वो आखिरकार उड़ गई.. उसे तो जाना ही था। बदलाव की चाहत, या उकताहट दिखती थी शहर के लिए उसमें। वो शहर से परेशान हुई या सुधारने की कोशिश में सबको, शहर ने उसे परेशान कर दिया?§ यह सवाल आजकल चर्चा में है।। यूं तो सब शहर एक से हैं पर कुंठित जीवन जीते हैं छोटे शहर के लोग। यहां की चुनौतियां अजब हैं लड़कियों के लिए, उनकी शर्त पर नौकरी, पहनना, ओड़ना, बतियाना और सोना, सबकी नियमावली होते हैं छोटे शहर। हरदम कुचलने को तैयार छोटे शहर बड़े शहर जाती लड़कियों के लिए, अचानक आशंकित हो उठते हैं पर वो चली जाती हैं बिना सुनें। शहर में मंथन चलता रहता है, उनके हर सही को गलत ठहराने का। वो क्यों बताएं... इन शहरों की बुराइयां ही पैदा करती गईं उसमें संबल जूझने का। तुम्हारे पास जवाब होंगे संबंधों का संसार है छोटा शहर। पर सिर्फ जन्म के साथ मिले संबंधों का। तुम कहोगे.. किसका जिक्र किया? मैं कहूंगी.. बस यही तो है छोटे शहर का एकमात्र सवाल।। - शिवांगी (15, जुलाई, 2016)