#कोरोनाकाल : रिश्ते खून से नहीं प्रेम से बनते हैं, सड़क के बच्चों को हमारा इंतजार ...
#जनसंख्यादिवस #कोरोनाकाल : संयुक्त राष्ट्र बता चुका है कि दुनियाभर में कोरोना को लेकर हुई तालाबंदी में महिलाओं के साथ शारीरिक और यौन हिंसा हुई। इस मामले में विशेषज्ञ मानते हैं कि आम स्थितियों में भी तालाबंदी के दौरान अनचाहा गर्भ ठहरने के मामलों की तादाद बढ़ी है। चूंकि अनचाहा गर्भ है तो बहुत संभावना है कि लिंग जांच के लिए दंपति या गर्भवती महिलाएं अवैध रूप से चल रहे सेंटरों पर जाएं। हाल में हुए एक वेबनार में लखनऊ की संस्था वात्सल्य ने बताया कि महामारी शुरू होने के बाद से लिंग जांच और भ्रूण हत्या के मामलों की निगरानी करने वाली जिला जांच कमेटियां ठप चल रही हैं। जबकि संक्रमण काल में ऐसे निगरानी तंत्र को और कड़ा किए जाने की जरूरत है। इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भ्रूण हत्या और गर्भवतियों की मौत के मामले बढ़ सकते हैं। याद रहे कि लॉकडाउन के दौरान कॉडम जैसे जरूरी सुरक्षा उपाय मेडिकल पर न होने जैसी खबरें आयी थीं। हालांकि कॉडम का इस्तेमाल करने वाले शादीशुदा पुरुषों का प्रतिशत भारत में बहुत कम है क्योंकि शादी संस्थान में अक्सर महिलाओं को ‘प्रॉपर्टी’ माना जाता है। वहीं, दूसरी ओर लॉकड