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#कोरोनाकाल : रिश्ते खून से नहीं प्रेम से बनते हैं, सड़क के बच्चों को हमारा इंतजार ...

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  #जनसंख्यादिवस #कोरोनाकाल : संयुक्त राष्ट्र बता चुका है कि दुनियाभर में कोरोना को लेकर हुई तालाबंदी में महिलाओं के साथ शारीरिक और यौन हिंसा हुई। इस मामले में विशेषज्ञ मानते हैं कि आम स्थितियों में भी तालाबंदी के दौरान अनचाहा गर्भ ठहरने के मामलों की तादाद बढ़ी है। चूंकि अनचाहा गर्भ है तो बहुत संभावना है कि लिंग जांच के लिए दंपति या गर्भवती महिलाएं अवैध रूप से चल रहे सेंटरों पर जाएं। हाल में हुए एक वेबनार में लखनऊ की संस्था वात्सल्य ने बताया कि महामारी शुरू होने के बाद से लिंग जांच और भ्रूण हत्या के मामलों की निगरानी करने वाली जिला जांच कमेटियां ठप चल रही हैं। जबकि संक्रमण काल में ऐसे निगरानी तंत्र को और कड़ा किए जाने की जरूरत है। इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भ्रूण हत्या और गर्भवतियों की मौत के मामले बढ़ सकते हैं। याद रहे कि लॉकडाउन के दौरान कॉडम जैसे जरूरी सुरक्षा उपाय मेडिकल पर न होने जैसी खबरें आयी थीं। हालांकि कॉडम का इस्तेमाल करने वाले शादीशुदा पुरुषों का प्रतिशत भारत में बहुत कम है क्योंकि शादी संस्थान में अक्सर महिलाओं को ‘प्रॉपर्टी’ माना जाता है। वहीं, दूसरी ओर लॉकड

#कोरोनाकाल : बिग-बी के हमउम्र प्रशंसकों को मदद देने का वक्त

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अमिताभ बच्चन के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर से आप सभी यह तो समझ रहे होंगे कि कितना ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ दिन पहले जब महाराष्ट्र सरकार ने शूटिंग की अनुमति दी तो प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने अमिताभ बच्चन, बोमन ईरानी और दूसरे 65 से अधिक उम्र के एक्टरों का हवाला देकर कहा कि आवश्यकता के आधार पर इस आयुवर्ग के एक्टरों को शूटिंग की इजाजत मिले। इंडियन एक्सप्रेस की 30 मई की खबर के हिसाब से इस अनुरोध को राज्य सरकार ने मान भी लिया। अब यह तो बॉलीवुड कवर करने वाले रिपोर्टर ही बेहतर जानते होंगे कि अमिताभ बच्चन ने इस दौरान शूटिंग की या दूसरे माध्यम से वे किसी संक्रमित के संपर्क में आए। पर आज की खबर इस आयुवर्ग के लोगों के लिए बचाव के नियमों के सख्ती से पालन की जरूरत को साबित करती है। कहने की जरूरत नहीं है कि हम सभी अपने घर के बुजुर्ग व हृदय और मधुमेह रोगियों को लेकर सबसे ज्यादा सतर्क रहें। खुद सभी बचाव के नियमों का पालन करके उनके सामने नजीर बनें। हम इस वक्त तीन दिन के लॉकडाउन में हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे लॉकडाउन लगाए गए हैं, जिनकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता पर संदेह होता है मगर इससे कुछ हद त