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चिड़िया मां

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अभी खबर मिली किसी ने जनी है बच्ची बन गयी हूँ मां महसूस हो रही है जिम्मेदारी पर असुरक्षा या भार नहीं यह, सतर्कता है कि.. उंगली बराबर उस हथेली को कैसे थामूं और कर लूं दोस्ती। यह भी कि.. चौंधियती आंखों के सामने कैसे होऊं खड़ी साया बनकर। हां वादा भी है कि .. नई दुनिया के लिए अभ्यस्त होते ही हटा लूंगी सब साये उड़ान देखूंगी तुम्हारी चिड़िया मां की तरह।। - शिवांगी , 12 अक्तूबर 2018 (कल एक सहकर्मी के घर बेटी का जन्म हुआ, खबर सुनकर उस बच्ची के लिए यह कविता लिखी। तस्वीर मेट्रो में परसो मिली एक छोटी बच्ची की है, बच्चे के हाथ को थामते ही कितना ज़िम्मेदार महसूस करते हैं हम।)

INSPIRER || PUSPA GUPTA

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Interview by shivangi