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कुछ दिन पहले एक शब्द सुना SHEROSE, शकुंतला बिल्कुल यही लगीं

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लूटपाट नहीं अब खिलाड़िनों के लिए जाना जाता है अंगूरीटांडा

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अंगूरीटांडा को रिपोर्ट करते समय बडी शिद्दत से महसूस हुआ कि आधी अधूरी व्यवस्‍थाएं लड़कियों में सपने तो पैदा कर रही हैं पर साथ ही इन सपनों को जमीन पर लाने के साधन न होने को ये लड़कियां अपनी किस्मत मानकर स्वीकार कर रही हैं। इन आधी अधूरी व्यवस्‍थाओं के कारण हमारा समाज अधपका सा है। जो लोग इस हालात को किस्मत नहीं मानते वे फ्रस्ट्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इनमें कोई समाज सुधारक बनता है कोई फिर से पंखिया बन जाता है। - 6 feb 2018